ठंड में सर्दी भगाने के लिए शराब पीने का आइडिया है खराब; जानें शीतलहर में पीना कितना घातक

मौसम विभाग ने अगले कुछ दिन तक उत्तर भारत के कई राज्यों में कड़ाके की ठंड पड़ने की चेतावनी जारी की है। अगले कुछ दिनों तक हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान में कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इन राज्यों में अधिकतम तापमान 3 से 5 डिग्री तक गिर सकता है। इसके साथ ही मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने एक एडवाइजरी भी जारी की है। इसमें कहा गया है कि ठंड से बचने के लिए लोग शराब का सेवन नहीं करें।

अब सवाल ये है कि IMD ने अपनी एडवाइजरी में कहा क्या है? ठंड के इस मौसम का शराब से क्या कनेक्शन है? शराब हमारे शरीर का तापमान कैसे कम करती है? इससे बचने के लिए हमें क्या करना होगा? आइये जानते हैं…

IMD ने अपनी एडवाइजरी में क्या कहा है?

  • IMD ने अपनी एडवाइजरी में कहा है कि शीतलहर के दौरान फ्लू, जुकाम, नाक से खून निकलने जैसी परेशानी हो सकती है। जिन लोगों को इस तरह की परेशानी पहले से ही है, ठंड बढ़ने के साथ उनकी परेशानियां और बढ़ेंगी।
  • एक लिस्ट शेयर की गई है, जिसमें लोगों से कम से कम घर से बाहर निकलने, स्किन को क्रीम या तेल से लगातार मॉइश्चराइज करने, विटामिन-सी रिच फल और सब्जियां खाने और गर्म सूप पीने की अपील की गई है। साथ ही शराब के सेवन से बचने को भी कहा गया है, क्योंकि इससे बॉडी टेम्परेचर कम होता है।

क्या सर्दियों में शराब का सेवन ज्यादा खतरनाक है?

  • बहुत से लोगों को ऐसा लगता है कि शराब पीने से शरीर में गर्मी आती है। लेकिन, IMD और हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि शराब पीने से बॉडी का टेम्परेचर कम हो जाता है। इसके साथ ही आपके शरीर की इम्युनिटी पर भी शराब असर डालती है।
  • शरीर का तापमान गिरने से हाइपोथर्मिया का खतरा भी बढ़ जाता है। ये एक ऐसी स्थिति होती है, जब शरीर के अंदर की हीट बनने से पहले ही खत्म होने लगती है। इसके कारण बॉडी का टेम्परेचर गिरने लगता है। सामान्य तौर पर ये 37 डिग्री सेल्सियस होता है। लेकिन, हाइपोथर्मिया होने पर ये 35 डिग्री से भी कम हो जाता है।

कैसे पता चलेगा कि हाइपोथर्मिया है?

जिसे भी हाइपोथर्मिया है, उसके शरीर में कंपकपी महसूस होती है, सांस लेने में तकलीफ होती है, शरीर ठंडा पड़ने लगता है, बोलने में परेशानी होती है, थकान महसूस होती है। शराब का जितना अधिक सेवन किया जाता है, हाइपोथर्मिया का खतरा उतना ज्यादा बढ़ता जाता है। 2004 में अमेरिका के अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फैमिली फिजिशियन की एक स्टडी के मुताबिक, एक्सिडेंटल हाइपोथर्मिया के 68% मामलों में शराब का कनेक्शन होता है।

शराब से बॉडी टेम्परेचर कैसे कम होता है?

  • शराब वासोडाइलेटर होती है यानी ये शरीर में बहने वाले खून को पतला कर देती है। साथ ही ब्लड वैसेल्स को खोल देती है।

  • शराब पीने के बाद स्किन की सतह पर खून की मात्रा बढ़ जाती है। इसकी वजह से शराब पीने वाले को गर्मी का एहसास होता है। इसी कारण से नशा चढ़ने पर शराब पीने वाला शख्स झूमता हुआ दिखाई देता है।

  • जब शरीर को गर्मी का एहसास होता है तो शराब पीने वाले को पसीना भी आता है। पसीना आने के कारण शरीर का ओवरऑल टेम्परेचर घट जाता है।

  • ज्यादा शराब पीने के बाद शराब पीने वाले के शरीर की ठंड को सही तरीके से डिटेक्ट करने की एबिलिटी भी कम हो जाती है। इसी वजह से शराब पीने वाले को ठंड लग सकती है और हाइपोथर्मिया हो सकता है।

शीत लहर क्या होती है और इसे लेकर IMD का क्या अनुमान है?

  • जब अधिकतम तापमान 10 डिग्री और न्यूनतम तापमान 4.5 डिग्री से भी नीचे आ जाता है तो शीतलहर चलती है। वहीं, अगर अधिकतम तापमान 6.5 डिग्री से कम और न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है तो उसे सीवियर कोल्ड वेव कंडीशन यानी गंभीर शीत लहर कहते हैं।

  • IMD के मुताबिक, हिमालय के ऊपरी हिस्से में वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में बर्फबारी का अनुमान है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस के बाद हिमालय से ठंडी और रूखी हवा चलेगी जिससे उत्तर भारत में न्यूनतम तापमान गिरेगा और यह तीन से पांच डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा।



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via Chebli Mohamed

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